वैदिक ग्राम में आपका स्वागत है
वैदिक ग्राम
वैदिक विज्ञान के द्वारा भारत का पुनराविष्कार
प्राचीन भारतीय मूल्यों से उद्भूत स्वावलंबी एवं संपूर्ण समाज के निर्माण के लिए हमारे साथ जुडें। गुरुकुल से गोशाला तक, आयुर्वेद से प्राकृतिक कृषि तक
वैदिक ग्राम परियोजना एक सिंहावलोकन
वैदिक ग्राम
आज हम बहुत विकास कर चुके हैं। पर विकास के साथ-साथ हमने पर्यावरण व नैसर्गिक तंत्रों को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। एक तरफ हमारी आधुनिक सुविधाएं बढ़ती जा रही हैं, किंतु दूसरी तरफ हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य एवं बल लगातार गिरते जा रहे हैं। हम अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं। यदि हम उनको अच्छे संस्कार नहीं देंगे और उनके लिए एक शुद्ध हवा एवं पानी नहीं छोड़ेंगे तो उनका भविष्य उज्जवल कैसे हो सकता है। हमारे समाज में जो नकारात्मकता लगातार बढ़ती जा रही है उससे संकेत मिलता है निकट भविष्य में एक भयंकर तबाही होने वाली है।
इन सब समस्याओं का समाधान वैदिक जीवन शैली व वैदिक समाज को अपनाना है। इसके लिए हमें प्राकृतिक कृषि, पशुपालन (मुख्य रूप से देशी गोवंश एवं घोड़े आदि) तथा कुटीर उद्योग आदि पर आधारित समाज का निर्माण करना है।
इसी दिशा में आचार्य रवीन्द्र व उनके कुछ साथियों के द्वारा वैदिक ग्राम परियोजना स्थापित की गई है। वर्तमान में इस परियोजना के अंदर एक धर्मार्थ न्यास (वैदिक जीवन दर्शन धर्मार्थ न्यास) तथा एक LLP (वैदिक कृषि अनुसंधान परिषद LLP) हैं। वैदिक ग्राम के अंदर गुरुकुल, गौशाला, प्राकृतिक कृषि, आयुर्वेद, कुटीर उद्योग, वानप्रस्थ आश्रम तथा इसी प्रकार की गतिविधियां हैं अथवा होंगे।
हमारी दृष्टि
जहां लोग प्राकृतिक कृषि, पारंपरिक गुरुकुल पद्धति, आयुर्वेद, कुटीर उद्योग आदि प्राचीन पद्धतियों को अपनाते हुए प्रकृति के साथ तालमेल बनाते हुए जीते हैं ऐसे एक स्वावलंबी, नैतिक, सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण, जिसके जड वैदिक विज्ञान में जमे हुएं हैं।
हमारा उद्देश्य
गुरुकुल, गोशाला, आयुर्वेदिक केन्द्र, कुटीर उद्योग जैसी संस्थाओं को बनाकर प्राचीन वैदिक जीवनशैली का पुनरुद्धार करने में वैदिक ग्राम प्रतिबद्ध है। प्रकृति, संस्कृति एवं सामाजिक जीवन पर आधारित स्वावलंबी एवं धार्मिक वातावरण के द्वारा शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक उन्नति अर्थात् सर्वाङ्गीण विकास को आगे बढाना हमारा उद्देश्य है।
वैदिक ग्राम के मूल स्तंभ
गुरुकुल
हम प्राचीन भरतीय गुरुकुल पद्धति को पुनर्जीवित कर रहे हैं जो कि एक मूल्य आधारित शैक्षणिक वातावरण है। जहां बालक अनुशासन, विज्ञान एवं परंपराओं के साथ बढते हैं। यह जीवन जीने की विद्या है, केवल नौकरी के लिए नहीं।
गोशाला
हमारे गोशाला में देशी गोवंश का बहुत प्यार से देखभाल की जाती है। किसी प्रकार का शोषण नहीं किया जाता। यह गोवंश प्राकृतिक कृषि एवं आयुर्वेद को भी सहारा देती हैं। ये तो स्वावलंबी वैदिक जीवन की आत्मा हैं।
प्राकृतिक कृषि
हम रसायन मुक्त, गो आधारित प्राकृतिक कृषि को अपनाते हैं जो जमीन को पुष्ट करता है तथा वास्तविक पोषक तत्वों से युक्त आहार को उत्पन्न करता है। बिल्कुल उसी प्रकार जैसे हमारे पूर्वज करते थे। धरती मां, कृषक एवं जन सामान्य के स्वास्थ्य के लिए यह सर्वोत्तम है।
आयुर्वेद
औषधीय खेती से प्रकृति केन्द्रित चिकित्सीय पद्धतियों तक जो कि व्यक्ति के अन्दर सन्तुलन, रोगप्रतिरोधकता एवं सर्वाङ्गीण कल्याण तक प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा वैदिक ग्राम के दैनिक जीवन में समायी हुई है।
कुटीर उद्योग
पर्यावरण के अनुकूल हस्तनिर्मित वस्तुओं के उत्पादन की दिशा में ग्रामीण परिवारों को प्रोत्साहित करते हैं जिससे वे सम्मानजनक आजीविका को प्राप्त कर सकें एवं परंपरागत हस्त कलाओं को सुरक्षित रख सकें।
वानप्रस्थ आश्रम
यह आश्रम बुजुर्ग एवं जिज्ञासुओं के लिए एक शान्तिप्रद स्थान है। यहां व्यक्ति वैदिक विज्ञान के आधार पर आश्रित ध्यान, सेवा व भगवान की भक्ति से अपने जीवन के उद्देश्य को पूर्ण करने की दिशा में आगे बढता है।
वैदिक ग्राम
आप कैसे जुड़ सकते हैं?
💝 हमारे न्यास में दान दे सकते हैं।
🌾 LLP मोडल के द्वारा वैदिक कृषि में निवेश कर सकते हैं।
कृषि, गोपालन, शिक्षा, आयुर्वेद, शोध, डिजिटल विपणन आदि विषयों में अपनी कुशलताओं के द्वारा योगदान प्रदान कर सकते हैं।
हमारे संस्थापक
आचार्य रवीन्द्र जी
आध्यात्मिक दूरदर्शी, सुधारक और भारत के प्राचीन ज्ञान के पथप्रदर्शक आचार्य रवीन्द्र जी ने अपने जीवन को वैदिक जीवन शैली के पुनरुद्धार के लिए समर्पित किया हुआ है। सनातन धर्म में निष्ठावान् आचार्य जी का यह दृढ़ विश्वास है कि जीवन को वैदिक मूल्य के साथ जोड़ने पर ही वास्तविक उन्नति हो सकती है। अनुशासन सेवा एवं स्वावलंबिता पूर्ण जीवन से ही यह संभव है। भारत के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक आधार के पुनर्निर्माण के विषय में स्पष्ट दृष्टि रखते हुए, एक सामंजस्य जागृत एवं स्वावलंबी समाज कैसे दिखता है यह उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए वैदिक ग्राम की स्थापना की है। उनका नेतृत्व युवा, शिक्षाविद्, कृषक एवं आध्यात्म के जिज्ञासु लोगों को प्रेरणा देता है कि वे जड़ों की ओर वापस लौटे और वे एक उद्देश्य पूर्ण गरिमामय एवं संतुलित जीवन जीवें।